मेरा एक सपना है के बस जाऊ खाटू में,
श्याम की सेवा में ये जीवन काटू मैं,
मैं दीवाना श्याम का,
हो मेरा एक सपना है के बस जाऊ खाटू में,
यहाँ चले हकूमत श्याम की मुझे वो दरबार मिले,
मुझे हर पल हर शन संवारिये का प्यार मिले.
दिल वेचैन है श्याम बिन,
मेरा एक सपना है के बस जाऊ खाटू में....
जीयु मैं जब तक करू मैं श्याम की चाकरी,
निकले चौकठ पर ही स्वासे आखरी,
दिन कट ते नहीं श्याम बिन,
मेरा एक सपना है के बस जाऊ खाटू में,
मेरा हाल सुदामा सा कुछ कह न पाउ मैं,
तुझे छोड़ कर किधर को जाऊ मैं,
भटकु सदा श्याम बिन,
मेरा एक सपना है के बस जाऊ खाटू में,
मुझे प्रेम दो नरसी सा धना सी देदो लग्न,
है चोखानी संग रोमी भी मगन,
हम कैसे जिए श्याम बिन,
मेरा एक सपना है के बस जाऊ खाटू में,