चलो खाटू सब चलते है बाबा ने भुलाया है,
मेला फागुन का आया है,हमे श्याम ने भुलाया है,
फागुन के मेले में लाखो,हाथो निशान उठाये,
पाँव में पड जाते छाले मुख से श्री श्याम गुण गाये,
ऐसा वरदानी है ये शीश का दानी है ये सबकी जुबानी है,
मेला फागुन का आया है,हमे श्याम ने भुलाया है,
खाटू की महिमा का निराली ये है कलयुग में अवतारी,
सब की ये बिगड़ी बनाये झुकती यहाँ दुनिया सारी,
शृंगार बाबा का सब ने सजाया है,हारो का सहारा है ,
मेला फागुन का आया है,हमे श्याम ने भुलाया है,
जितने भी प्रेमी है आये किरपा अपनी ये बरसाए,
त्रिशि निगाहो से अपनी काम ये सबके बनाये,
ऐसा ये हम जोली खेलो सभी होली ये शुभ दिन आया है,
हमे श्याम ने भुलाया है मेला फागुन का आया है,हमे श्याम ने भुलाया है,