मीरा गिरधर आगे नाची घुँघटा खोल खोल के......
चाँदी की बाल्टी में यमुना का पानी,
यमुना का पानी लायी यमुना का पानी,
मीरा गिरधर को नहलावे लोटे डाल डाल के,
मीरा गिरधर आगे.....
मिट्टी की मटकी में गइयों का दूधवा,
मीरा गिरधर को पिलाए मिसरी घोल घोल के,
मीरा गिरधर आगे.....
छप्पन भोग बनाए मीरा ने,
मीरा गिरधर को जिमावे पंखा डोल डोल के,
मीरा गिरधर आगे......
ऊँची अटरिया की लाल किवड़िया,
मीरा गिरधर को बुलावे खिड़की खोल खोल के,
मीरा गिरधर आगे......