बोले साई का इक तारा

बोले साई का इक तारा तुनक तुनक तुनक तुन,
कहा ध्यान है बन्दे तेरा जरा ले सुन जरा ले सुन जरा ले सुन ,
क्यों संकट से गबराए शिर्डी दर क्यों  नही आये ,
समज ने धुन धुन धुन
बोले साई का इक तारा तुनक तुनक तुनक तुन,

उपर वाला वहा पे बेठा बन के जोगी,
वाहा पे जाते है दुनिया के सारे मन के रोगी ,
सब छोड़ के दुःख के कांटे खुशियों के फूल उठाते,
ले तू भी चुन चुन चुन,
बोले साई का इक तारा तुनक तुनक तुनक तुन,

उसका दर है ऐसा कोई संकट वहा न ठहरे ,
चारो दिशाओ में उसकी आँखों के पेहरे,
सब छोड़ के दुनिया दारी बस आजा तू इक बारी,
ले राहे चुन चुन चुन,
बोले साई का इक तारा तुनक तुनक तुनक तुन,

साईं जी का इक तारा कब से तुझे बोले,
अपनी किस्मत खोल वहा पे वो सभी किस्मत खोले,
नही तुझ जैसा कोई दानी ये बात सभी ने मानी,
तू सपने भुन भुन भुन,
बोले साई का इक तारा तुनक तुनक तुनक तुन,
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