होया बंधन ऐसा कैसा आउ तेरा दर पे,
बैठाया रोये जाऊ श्याम तुझे याद करके,
रोक नहीं पाउ मैं तो आंसुओं की धार को,
कैसे मैं बुलाऊ श्याम तेरे इस प्यार को,
नीले चढ़ के आजा श्याम मेरे घर पे,
बैठ्या रोये जाऊ श्याम तुझे याद करके,
तरस गया हु श्याम तेरे दर्शन को,
कैसे समजाओ इस वनवारे से मन को,
हाथ फिराजा आके मेरे सिर पे,
बैठ्या रोये जाऊ श्याम तुझे याद करके,
तेरे सिवा नहीं कोई दूजा संसार में,
सुनील ढाया बैठा श्याम तेरे इन्तजार में,
भोग बनाये बैठा थाली भर के,
बैठ्या रोये जाऊ श्याम तुझे याद करके,