साई की मस्ती

मैं दीवाना हु दीवाना रहने दीजिये,
मुझको साईं की मस्ती कहने दीजिये,

शिर्डी जाए लोक सभी पूछे न साईं हाल,
गम कब मेरे दूर होंगे बस येही है एक सवाल,
मुझको तो रहता है  मेरे बाबा का ख्याल ,
मैं दीवाना हु दीवाना रहने दीजिये,

द्वारका माई की ये भिभुती माथे पर लगाते,
बिगड़ी किस्मत जिनकी है उसे साईं जी चमकाते,
मैं भी शिर्डी आ गया इस भजन को गाते गाते,
मैं दीवाना हु दीवाना रहने दीजिये,

मैंने न ये भजन लिखा मेरे साईं ने है लिखवाया,
जिसको साईं ने भुलाया वो शिर्डी में आया,
मेरी क्या औकात है मेरे साईं ने मुझे गवाया,
मैं दीवाना हु दीवाना रहने दीजिये,

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