तर्ज:- रामचंद्र कह गए सिया से
आसमान में उड़ने वाले , मिट्टी में मिल जाएगा,
भजन प्रभु का सुमिरन करले स्वर्ग तुझे मिल जाएगा,
कोड़ी कोड़ी माया जोड़ी काम ना तेरे आएगी,
मिट्टी से ये बनी है तेरी काया ,मिट्टी में मिल जाएगी
प्यार तू करले हरी से पगले मोक्ष तुझे मिल जाएगी
आसमान में.....
भाई बंधु और कुटुंब कबीला साथ ना तेरे जाएंगे
साथी ना तेरे जाए कुछ भी यही पड़ा रह जाएगा
नेकी करले अरे ओ पागले क्या मुह लेकर जाएगा
भजन प्रभु का सुमिरन करले....
क्या लेकर तू आया था जग में क्या लेकर तू जाएगा,
जैसा तू आया था जग में वैसा ही तू जाएगा
अरे मुट्ठी बांधे आया रे जग में हाथ पसारे जाएगा
भजन प्रभु का सुमिरन करले ,स्वर्ग तुझे मिल जाएगा ,
गायक:- भुवनेश रावत एवं हर्षित गौतम