हे ईश्वर सब सुखी हों कोई ना हो दुखहारी,
सब हो निरोग भगवन धन्य धन्य के भंडारी,
सब भद्र भाव देखें सद मार्ग के पथ कहा,
दुखिया ना कोई ना होवे सृष्टि में प्रावधान,
सुखी बसे संसार सब दुखिया रहे न कोई,
यह अभिलाषा हम सबकी भगवान पूरी होय,
विद्या बुद्धि तेज बल सबके भीतर होय
दूध पुत्र धन धन से वंचित रहे न कोई,
आपकी भक्ति प्रेम से मन हो वे भरपूर,
राग द्वेष से चित मेरा कोसों भागे दूर
मिले भरोसा आपका हमें सदा जगदीश
आशा तेरे नाम की बनी रहे ममरिक
पाप से हमें बचाइए कर के दया दयाल
अपने भक्तों बनाए के सब को करो निहाल
दिल में दया उदारता मन में प्रेम अपार
हृदय में दीन द्वी नता हे मेरे करतार
हाथ जोड़ विनती करूं सुनिए कृपा निधान
साधु संगत दीजिए दया धर्म का दान