परिवार मेरा खुशहाल हो मैंने इतना ही मंगा सुन ले कन्हैया मनुहार,
डोर पकड़ ले हम देने की प्रेम का है धागा तुमसे बंधा है सरकार,
सुन ले कन्हियान मनुहार,
हम को भरोसा है तू साथ न छोड़े,
नाजुक बड़ा बंधन बंधन नहीं तोड़े,
तुझपे ही सुख दुःख छोड़ दिया है मालिक मान कर,
जीवन करो गुलज़ार,
परिवार मेरे खुशहाल हो
इस दुनिया का क्या है ना जीने मरने दे,
माया में लिपटा मन ना उसे सुधरने दे,
बस एक तेरी ही लग्न लगा के मन का ये पंक्षी श्याम ही बोले बार बार,
परिवार मेरे खुशहाल हो....
कण कण में वास तेरा परमात्मा हो तुम,
मेरी धरकन में भी तुम मेरी आत्मा हो तुम,
चोखानी करे चरण चाकरी जब तक सांस में सांस,
रखलो मुझे सेवा दार,
परिवार मेरे खुशहाल हो