कब होगा सब पहले जैसा कब मैं खाटू जाऊंगा,
कब चरणों में शीश निभा के तेरा दर्शन पाऊंगा,
कब होगा सब पहले जैसा कब मैं खाटू जाऊंगा,
राह तके हम जिस गिरास की वो शुभ वेला आई है,
कब होगा श्याम मिलन अब आँखे भी भर आई है
तू ही आजा घर पे बाबा मैं ना दर आ पाऊंगा,
कब होगा सब पहले जैसा कब मैं खाटू जाऊंगा,
आकर जिसकी चौकठ पर ये रहता था संसार खड़ा,
श्याम वहां और हम है याहा पे सुना है दरबार पड़ा,
चढ़ के तेरी तेरहा सीढ़ी कैसे भजन सुनाऊ गा,
कब होगा सब पहले जैसा कब मैं खाटू जाऊंगा,
सब कुछ होगा ठीक पता है वक़्त बुरा छट जाएंगे
श्याम सचिन के सिर पे आके अपना हाथ फिरायेगा,
घर पे तेरी ज्योत जगा के मैं विस्वाश बड़ाऊ गा,
कब होगा सब पहले जैसा कब मैं खाटू जाऊंगा,