मुझको पंख लगा दे साईं मैं शिर्डी आ जाऊ,
रूप तुम्हारा निहारु निश दिन
तेरा रूप निहारु निष् दिन जीवन सुख पा जाऊ,
मैं शिर्डी आ जाऊ
नाम तुम्हारा जब से सुना है
आस दर्श की जागी
हर दम मेरे मन में साईं तेरी ही लोह लागी
इक बार तो दर्श दिखाओ
भगती तुम्हारी पाऊ,
मैं शिर्डी आ जाऊ
पावन है वो भूमि याहा पर साईं तेरा वासा,
पूरण होती भगत जनों की मन की हर अभिलाशा
अब तो मुझे बुला ले साईं चरण कमल चित लाऊ
गीत तेरे मैं गाऊ
मैं शिर्डी आ जाऊ