सुना है तू दयालु माँ बहुत करुना दिखाती है
बुलाये मन से अगर बेटा तो माता आ ही जाती है
सुना है तू दयालु माँ बहुत करुना दिखाती है
न जिसका कोई है रक्षक न कोई अब गुजारा है
उसी ममता मई माता तू गोदी में बिठाती है
सुना है तू दयालु माँ बहुत करुना दिखाती है
सदा मिरग राज के उपर सिंगासन है सजा तेरा
मधुर मुस्कान से माता अमरधारा बहाती है
सुना है तू दयालु माँ बहुत करुना दिखाती है
शरण में जो कोई आता पुकारे जो भी कह कर माँ,
दया वारसा ही देती है नही पल भी लगाती है
सुना है तू दयालु माँ बहुत करुना दिखाती है