पीर हरो ब्रिज के स्वामी
चलते चलते पग मेरा हारे कारण कौन बुलाये
सदा रही है आस तुम्हारी मार्ग कौन बताये
कभी गिरा न भक्त उतरो
तुमने बाह जो थामी पीर हरो ब्रिज के स्वामी
चल रैन निष् दिन खोवत है नैना आंसू आवे
छमा करो अपराध हमारो बालक भटक जावे
दास नारायण मुख न बोले तुम तो अंतर यामी
पीर हरो ब्रिज के स्वामी