क्या भरोसा ज़िंदगी का साई नाम ले साई नाम ले,
अच्छा रस्ता देख के तू मंजिल जान ले,
क्रोध मोह लोभ रहते है सब यहा,
बढ़ता है शरीर भड़ती नहीं आत्मा,
क्या भरोसा ज़िंदगी का साई नाम ले साई नाम ले,
अच्छा रस्ता देख के तू मंजिल जान ले,
होती है सुबह और आती शाम है,
बोले मुख से क्यों नहीं तू साई नाम है,
क्या भरोसा ज़िंदगी का साई नाम ले साई नाम ले,
अच्छा रस्ता देख के तू मंजिल जान ले,
माला फेरने से जीवन कट जायेगा,
करले करले भक्ति तू मुकति पायेगा,
क्या भरोसा ज़िंदगी का साई नाम ले साई नाम ले,
अच्छा रस्ता देख के तू मंजिल जान ले,
होगा तेरा फैसला साई के सामने,
डरता है तू क्यों साई के नाम से,
क्या भरोसा ज़िंदगी का साई नाम ले साई नाम ले,
अच्छा रस्ता देख के तू मंजिल जान ले,