राम नाम है पारस जग में मिलता है बिन दाम
कंचन करले काया अपनी बोल सुबह और शाम
जय जय राम जय जय राम
जय जय राम जय जय राम
राम भजन कर राम मनन कर
मन को मंदिर करले तू
राम कृपा से पायेगा तू जनम जनम आराम
जय जय राम जय जय राम
जय जय राम जय जय राम
रग रग कण कण रोम रोम में
राम रमले रे बन्दे
उस ही राम को पाया जिसने
भक्ति की निष्काम
जय जय राम जय जय राम
जय जय राम जय जय राम
गाये जा निर्बाध तू काफिर
राम नाम की ये गाथा
दुनिया के लाखों धंधो से
बढ़ कर है ये काम
जय जय राम जय जय राम
जय जय राम जय जय राम