साईं रहमत से पाये है देवदार साई के ॥
बंके जोगिया माई नाचु दरबार साईं के ॥
दीदार साईं के, दरबार साईं के,
शिर्डी के राजा ने जग मैं केसी धूम मै मचाई ॥
खोल दवारे बाबा बेठा सबकी कर सुनीवई,
जन जन पे हू है उपकार साईं के,॥
बंके जोगिया मैं नाचू दरबार साईं के॥
साईं चरणों मैं मिलती शारदा या सबुरी ॥
साई क्रिपा से ही होती हर एक मन्नत पुरी है,
सचची सेव करे जो सेवादार साई के॥
बंके जोगिया मैं नाचू दरबार साईं के ॥
देवदार साईं के, दरबार साईं के॥
भुल के सारी सुद्भुद नाचु सई जिके आगे॥
तनु करके साई सेवा सोइय नाजीवा जेक,
भोला सागर से भगत हज़ार साईं के॥
बंके जोगिया मैं नाचू दरबार साईं के॥
देवदार साईं दरबार साईं कश्मीर॥