आओ रे आओ रे आओ रे,
कैसे आओ रे किशन थारी ब्रिज नगरी,
आओ रे आओ रे आओ रे,
यमुना जल लाऊ तो कान्हा प्याल मोरी भीगे,
झटपट चलू तो मोरी छलके गगरी
आओ रे आओ रे आओ रे,
किनारे चलू तो कान्हा पायल मोरी भाजे,
बीच में चलू तो बेह जाए गगरी,
आओ रे आओ रे आओ रे,
रात को आऊ तो कान्हा डर मोहे लागे,
दिन में आऊ तो देखे सारी नगरी
आओ रे आओ रे आओ रे,
आईटी मथुरा उत गोकुल नगरी
बीच में यमुना बहे गेहरी,
आओ रे आओ रे आओ ....