मेरे बात ने सुन ले बाबू ना औ तेरे काबू
इब के मैं खाटू जाऊ तेरी बाता में न आऊ,
धनी दूर चलाना से रे उड़े नही पालना से रे
तेरे मामा के ले जाऊ जब उलटा घर में आऊ,
जब उल्टा घर में आऊ नेया कुरता पयामा लाऊ
ना चाहिए कुरता प्यामा तेरी गेहल ही जाए मामा
कदे इस के पाशे आऊ कदे तेरे पाशे आऊ,
तने फेर घुमा के ले आऊ तने मामा के ले जाऊ
मने फ़ोन में देख्या बप्पू उड़े भारेया मेला लागे
ना मानु तेरी बात ने चाहे कितना ही अड़ ले आगे
जयपुर की जलेबी लेयाऊ तेरी गेल बेठ के खाऊ
इब के मैं खाटू जाऊ तेरी बाता में न आऊ,
न चाहिए तेरी जलेबी खाटू पक्का जाऊँगा
मेरी माँ पासी माँ रखेया से झंडा लेके जाऊँगा
बनवाले चूरमा जाके तेरी माँ ने लिया बुला के
पैदल चला सा बेटे जी सा आ जाएगा खा के
सोनू लखा भी चाले मैं उसे बुलाके लाऊ
यु आया तेरा बुलावा मालिक तेरा शुकर मनाऊ