नजरे रही है तुम्ही को निहार

नजरे रही है तुम्ही को निहार दर्श दोगे कब मुझको हे लख दातार
यु होता नही मुझसे अब इन्तजार दर्श दोगे कब मुझको हे लख दातार

दूर तुझसे रह न सकू जिया जाए न
दर्श बिना नैन मेरे चैन पाए न
दिल को ये लगी कब से आस है जाने कब बुजेगी मेरी प्यास है
श्याम मेरे दिल को कब आएगा करार
नजरे रही है तुम्ही को निहार दर्श दोगे कब मुझको हे लख दातार

जिन भगतो के दिल में विराजे शीश के दानी
उन भगतो की होती नही संसार में हानी,
मेरी जिन्दगी का तू है सवेरा
अपने भगतो के दिल में करता तू बसेरा,
हारे का सहारा मेरा बाबा लखदातार
नजरे रही है तुम्ही को निहार दर्श दोगे कब मुझको हे लख दातार

दास की अरदास सुनो घर मेरे आओ
अगर आप आ न सको तो मुझे बुलाओ
नीरज पर तू ही रेहना सहाई
तूम ही प्रभु मेरे हम राइ,
तीन वां धारी नीले घोड़े पे सवार
नजरे रही है तुम्ही को निहार दर्श दोगे कब मुझको हे लख दातार
download bhajan lyrics (721 downloads)