नया कुरता सिला के जय बाबा की बुला के,
हम प्यार से आता पूरा सज धज के 
अपना बना ले मुझे श्याम धनि छोरा बनिया केहलावे तेरे करके,
संवाली सी सूरत दिल को लुभाती हर महीने यही खाटू खीच के लाती है 
घंटो लाइन में बिताये झलक छोटी सी पाए 
काम बन जाते तेरा ये दर्श करके
अपना बना ले मुझे श्याम धनि छोरा बनिया केहलावे तेरे करके,
ग्यारस पे बाबा हमे दर पे बुलाते हो 
प्यारे प्यारे प्रेमियों से हमे मिलवाते हो 
मिल भजन सुनाये तुझे दिल से रिजाये,
खाए कड़ी कचोडी तुझे याद करके 
अपना बना ले मुझे श्याम धनि छोरा बनिया केहलावे तेरे करके,
बारस के दिन विधाई जब होती है मुड कर देखू पीछे आँखे ये रोती है 
न कभी दिल से बुलाना खाटू रोज बुलाना आशु दिल से कहे परिणाम करके 
अपना बना ले मुझे श्याम धनि छोरा बनिया केहलावे तेरे करके,