थम गया ये जहाँ , माँ तुम हो कहाँ
है परेशान इंसा , देखो कितना यहाँ
अब जरूरत पड़ी , आओ मैया यहाँ
तेरी कृपा से हो , फिर खुशी का शमा
थम गया ये जहाँ....
जहाँ खुशियां थी कल जहाँ , है वहाँ छाया गम
करदो हमपर भी मैया जी , रहमो करम करदो रहमो करम
कितने निर्दोष माँ , बैठे जॉ को गंवा
तेरी कृपा से हो , फिर खुशी का शमा
थम गया ये जहाँ....
शेरावाली ओ माँ , करो अब मेंहर
जग से नष्ट करो ,छाया ये जो कहर
खिल उठे फिर से माँ , हिन्द का बागवाँ
तेरी कृपा से हो , फिर खुशी का शमा
थम गया ये जहाँ....
अपने बच्चो की माँ , अब तो लेलो खबर
तेरे होते क्यो भटके माँ , हम दर बदर
भटके हम दर बदर
देव " दिलबर " का माँ ,
अब ना लो इम्तिहाँ तेरी कृपा से हो ,
फिर खुशी का शमा थम गया ये जहाँ....
✍️ रचनाकार ✍️
दिलीप सिंह सिसोदिया
❤️ दिलबर ❤️
नागदा जक्शन म.प्र .