मेहँदी लगाई तुझको और मैं लाल हो गया

मेहँदी लगाई तुझको और मैं लाल हो गया
चुनरी उड़ा के मैं भी माला माल हो गया

जब से मेरी मैया से पहचान हो गई
राहो की मुश्किलें सब आसान हो गई
जीवन का सारा ख़त्म ही जन जाल हो गया
चुनरी उड़ा के मैं भी माला माल हो गया

मेहँदी लगा ने के लिए मैया ने भुलाया
जैसे ही मेरी और अपना हाथ बडाया,
ऐसा नजारा देख मैं निहाल हो गया
चुनरी उड़ा के मैं भी माला माल हो गया

सोचा भी नही था वो माँ ने काम कर दियां
मुझ दीन पे इतना बड़ा एहसान कर दियां
सपना था जो जीवन कावो साकार हो गया
चुनरी उड़ा के मैं भी माला माल हो गया

चुनडी है कभी तो कभी मेहँदी है बहाना सोनू हमारा काम है मैया को रिजाना
मैं देखते ही रेह गया कमाल हो गया
चुनरी उड़ा के मैं भी माला माल हो गया
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