जानो पड़सी रे पंछी,
यह बागा में छोड़,
एक दिन जाना पड़सी रे
किया घोंसला चुनचुन तिनका,
पर तेरा विश्वास ना क्षण का,
किया साथ थे किनका किनका,
छोड़ियां सरसी रे ओ पंछी,
सब सगिया को साथ,
एक दिन जाणो पडसी रे
जब तक है पिंजरा में वासा,
तब तक है दुनिया को आशा,
तब तक है बन माई बासा,
टेम निकलसी रे हो पंछी,
जो करणो जट करले,
फेर फचताणो पडसी रे
अब ऊडबा को आग्यो दिनडो,
बिलक बिलक बिलकावे जीवडो,
जतना सु राखयो कर बनडो,
जाणो पडसी रे पंछी,
यह बागा ने छोड जाना पड़सी रे