दरबार सज गया माँ

दरबार सज गया माँ की ज्योत जल गई,
मन्नत हुई पूरी इस दिल का कमल खिल गया
मैया जी के अंगना में नाचने को मिल गया

कितनी मेहर मैया ने करदी मेरी झोली मुरादों से भरदी
माँ की चोंकी घर में रचाई संगत दूर दूर से आई
फिर एसी मची धूम सारा पंडाल हिल गया
मैया जी के अंगना में नाचने को मिल गया

मिल भगतो ने रंग जमाया महिमा गा गा माँ को रिजाया,
रंग गे सब भगती के रंग में ना कोई अपना था पराया,
जैसा आया वैसा नाचा हर कोई होशा मिल गया
मैया जी के अंगना में नाचने को मिल गया

माँ की माँ ही जाने
उसके खेल कौन पहचाने
माँ का इक इशारा काफी कमले भी हो जाए सयाने
गुनेगार सरल जैसा दर्शन के हो काबिल गया
मैया जी के अंगना में नाचने को मिल गया

download bhajan lyrics (694 downloads)