तेरी हो रही माँ विदाई मन तडपे आँख भर आई
हो कैसे हाथ छोडू तेरा कैसे भेजू दूर माँ
कैसे अपने आसरो को मैं कितनी मजबूर माँ
तेरी हो रही माँ विदाई मन तडपे आँख भर आई
नो दिन थी मैया विराजी नो नो रूप में तू साजी
छाया तेरी द्वार की प्यार की लगती
सेवा गीत संग ढोलक भजती
हो कैसे हाथ छोडू तेरा कैसे भेजू दूर माँ
कैसे अपने आसरो को मैं कितनी मजबूर माँ
घर सुना सुना लगता अन्धकार ये जग लगता,
मन तडप तडप रोये जाए नींदिया भी मेरी उड़ जाए
हो कैसे हाथ छोडू तेरा कैसे भेजू दूर माँ
कैसे अपने आसरो को मैं कितनी मजबूर माँ
मैं किस को लोरी सुनाओ अब किस के गीत मैं गाऊ,
माँ कैसे तुझे बुलाऊ इस दुःख को कैसे सुनाऊ
हो कैसे हाथ छोडू तेरा कैसे भेजू दूर माँ
कैसे अपने आसरो को मैं कितनी मजबूर माँ