क्यों रूठे सब से मेरे श्याम हमे मंदिर बुलाये न
मेरा मन प्यासा रेह जाए जो दर्शन तेरे पाए न
बड़ा जो पाप का घेरा तो तूने सब से मुह फेरा
प्रभु भगती को भुला जग तो भरपा अब केहर तेरा
घडी एसी है संकट की करीब अपने भी आये न
क्यों रूठे सब से मेरे श्याम हमे मंदिर बुलाये न
हम बालक तेरे है नादान न तुझसा जग में कोई महान
करोना माघ केहता है अब रो रो कर ये सारा जहान,
शरण लेलो हमे बाबा सही दुरी ये जाए ना
क्यों रूठे सब से मेरे श्याम हमे मंदिर बुलाये न