तर्ज़ :- मेरे प्यार की उम्र हो इतनी सनम
॥ जय श्री श्याम ॥
खाटू वाले बाबा मेरे श्याम धनी ।
तेरी किरपा की मुझको जरुरत घनी ।
1. तेरे दर पर लगाते है अरदास मेरे श्याम ।
तुम सुनते हो सबकी और पूर्ण करते काम ।
तुमसा दानी दयालु और न कही
तेरी किरपा की मुझको जरुरत घनी ।
2. खाटू धाम है निराला और पावन मेरे श्याम ।
विश्वास लेके मन में सब आते तेरे धाम ।
तुम सुनते हो सबकी विनती धनी ।
तेरी किरपा की मुझको जरुरत घनी ।
3. कहा जाऊ बतादे मुझको मेरे घनश्याम ।
तेरे दर के सिवा कुछ न अब दिखे मेरे श्याम ।
सुनलो विनती ‘आलोक‘ की श्याम धनी ।
तेरी किरपा की मुझको जरुरत घनी ।
॥ जय श्री श्याम ॥