मेरा हाल है जो फिलहाल ये कोई क्या जाने,
दिल ले गया नन्द का लाल ये कोई क्या जाने,
दिल चोरी कियो नंदलाल ये कोई क्या जाने,
मेरा चैन वेन सब छीना,
मेरा मुश्किल कर दिया जीना,
अब अच्छा नहीं लगदा उस के बिन सावन का भी महीना
पूछे सखियाँ मुझसे सवाल कोई समजे न दिल का हाल ये कोई क्या जाने,
पनघट पे दोड़े जाऊ मैं वनवारिया बन जाऊ,
जी करता है बंसी की धुन पे सारे जग को आज नचाऊ,
अब और मैं क्या दू मिसाल इक दिन लगता है साल,
दिल चोरी कियो नंदलाल ये कोई क्या जाने,