बाबा बालक नाथ मेरे लाज तुम्हारे हाथ है
दुखियां ये गरीब की करती फरयाद है
आंधी तूफ़ान आये मेरी नैया हिचकोले खाए
तेरे भरोसे बैठी बाबा नैया न मेरी डूब जाए
अधियारी रात है न कोई साथ है
बिटिया ये गरीब की करती फरयाद है
लाज बचाने वाले बाबा तेरी शरण में आई हु
लौट के वापिस ना जाउंगी दिल में सोच के आई हु
तू ही दीना नाथ है बाबा हम अनाथ है
दुखियां ये गरीब की करती फरयाद है
शरण तुम्हारी आके बाबा महिमा दिल से गाती हु,
ढोक लगा के बाबा तेरी जय जय कार लगाती हु
महिमा तेरी जग में दाता देखो अप्रम पार
दुखियां ये गरीब की करती फरयाद है