भर भर प्याला पी ले मैया के नाम का
सब रंग फीके है दुनिया के भक्ति रस है काम का
भर भर प्याला पी ले मैया के नाम का
हर दिन हर पल पीता जा तू बेफिकर हो जीता जा तू
उतरे न फिर कभी खुमारी मन में बसा ले मूरत प्यारी,
देदे माँ के हाथ में डोरी सोच न फिर अंजाम का
भर भर प्याला पी ले मैया के नाम का
अंतर मन में ज्योत जगा ले मन चित हो के ध्यान लगा ले
दुःख के बादल हट जायेगे मुशकिल रसते क्ट जायेगे
करले बंदे बन्दगी अब तू वक़्त नही आराम का
भर भर प्याला पी ले मैया के नाम का
भूल गया वो अपनी हस्ती चढ़ गई जिसको नाम की मस्ती
ना कोई अपना ना पराया दूर हो गई अब मोह माया
हरबंस निमाण सोनू भोला को होश नही सुबह शाम का
भर भर प्याला पी ले मैया के नाम का