वीणा वाधनी माँ शारदा
ज्ञान के दीप से जग मग जग मग
आँगन हो संसार का
वीणा वाधनी माँ शारदा
शेवत वस्त्र हाथ में वीणा
लगती तू ममता की मूरत
उनका पत नित उजियारा है जिन नैनो में तेरी सूरत
हम पे दया रखना सदा
वीणा वाधनी माँ शारदा
वाणी की बगिया में तूने शब्दों के है फूल खिलाये
शब्दों के फूलो में सुंदर पतो के है रंग सजाये
हम पे दया रखना सदा
वीणा वाधनी माँ शारदा