मन में ये विश्वाश लेके आया हु तेरे द्वार करना सपना माँ साकार,
जब भी आऊ दर पे तेरे साथ हो परिवार मिल कर तेरा दीदार
मन में ये विश्वाश लेके आया हु तेरे द्वार करना सपना माँ साकार,
घर हमारे मैया तेरा हो सदा ही वास गूंजे तेरी जय जय कार,
ज्योत जलती रहे सदा ही माँ मेरे घर द्वार करना मुझपे ये उपकार
मन में ये विश्वाश लेके आया हु तेरे द्वार............
घर हमारे रहे न कमी कमी ऐसा दो वरदान घर के भरे रहे भण्डार,
सुंदर फुलवाड़ी के जैसा खिला रहे परिवार करना विनती माँ सवीकार
मन में ये विश्वाश लेके आया हु तेरे द्वार............
जब भी कोई विपता आये सिर पे रखना हाथ करना संकतो से पार
भगती बंधन कभी न टूटे रेहना हर पल साथ तुझसे मेरा घर संसार
मन में ये विश्वाश लेके आया हु तेरे द्वार............
हम पे रखना किरपा बनाये आते रहे तेरे द्वार करते रहे तेरा दीदार,
सदा रहे है सदा रहेगे बन के तेरे दास सुन लो अजीत की ये पुकार
मन में ये विश्वाश लेके आया हु तेरे द्वार............