घडी घडी मुझे हर जगह मेरे श्याम नजर आते है,
श्याम नजर आते है घनश्याम नजर आते
ऐसा दाता है कहा और इस संसार में,
बैठा बैठा माल लुटाये देखो ये दरबार में,
बाबा के दर पर जो आता है,
बिन मांगे वो सब कुछ पाता है,
लोग ये कहते है जी मेरे श्याम के दर पर पापी पापो को छोड़ तर जाते है,
घडी घडी मुझे हर जगह मेरे
गैरो ने अब ठुकराया है तू ना अब ठुकराइयो,
अपने तो सारे बदल गए तू हमें अपनाइयो,
जहाँ में न तुझसा दानी है यहाँ मुकति भर्ती पानी है,
जिसने श्याम को धाया उसने शाम को पाया,
श्याम दातार बन जाते है,
घडी घडी मुझे हर जगह मेरे
बाबा की सूरत पे भगतो दिल दीवाना हो गया,
दिल दीवना हो गया मेरा दिल दीवाना हो गया,
शृंगार जो इनता प्यारा है जीतू जी ने दिल भी वारा है,
सलाम भाई कहता दरबार ना इसके जैसा,
बिगड़े काम सवार जाते है,
घडी घडी मुझे हर जगह मेरे