क्या कहने मेरे बाबा के हारे के सहारे बन गए
माने जो भी माँगा था इनसे मेरी झोलियाँ भरते चले गए
अब दिल में मेरे रहते हैं बस हर दम कहता रहता हूँ
मेरे खाटू वाले श्याम कृपा से हर बिगड़ा काम संवरता है
मैं खाली हाथ ही जाता हूँ वो झोलियाँ भर भर देता है
मेरे खाटू वाले श्याम कृपा से................
जबसे देखा मुखड़ा तेरा मैं दुनियादारी भूल गया
जब भी मुश्किल में पड़ता हूँ बाबा तूने मेरा साथ दिया
अब क्या कहने मेरे बाबा के ये जी सीना तान के कहते हैं
मेरे खाटू वाले श्याम कृपा से................
तुझे ना देखूं तो बाबाजी मुझको तो चैन ना आता है
तेरी एक झलक से ही बाबा मेरा सारा दूँ बन जाता है
मैं खुशकिस्मत हूँ बाबाजी जो मैंने तुझको पाया है
मेरे खाटू वाले श्याम कृपा से................
एक बार तो तुम भी हो आना फिर होक मुझको बतलाना
बदलेगी तेरी किस्मत भी फिर तुम भी सबको कह आना
ये पल में झोलियाँ भरते हैं मेरे श्याम धनी दिलवाले हैं
मेरे खाटू वाले श्याम कृपा से................