किया श्याम से जो वादा मिलने का,
मैं वादे को निभाने आ गयी,
ये ना मौका है अब चूकने का,
मैं सबको बताने आ गयी,
किया श्याम से जो वादा मिलने का,
मैं वादे को निभाने आ गई.....
खाटू मंदिर के बाहर दरवाजे पर,
इंतज़ार में खड़ा था मेरा गिरधर,
सब्र हुआ ना साँझ ढलने का,
झलक मैं तो पाने आ गई,
किया श्याम से जो वादा मिलने का,
मैं वादे को निभाने आ गई.....
जबसे हुई मुलाकात बंसी वाले से,
मेरे जीवन हो गए उजाले से,
क्या सबब ये दिल मचलने का,
पहेली सुलझाने आ गई,
किया श्याम से जो वादा मिलने का,
मैं वादे को निभाने आ गई.....
मनमोहन के मन को जो भा गई,
अंजलि की दुआ काम आ गई,
लिखा क़िस्मत में नहीं टलने का,
सरल समझाने आ गई,
किया श्याम से जो वादा मिलने का,
मैं वादे को निभाने आ गई.....
किया श्याम से जो वादा मिलने का,
मैं वादे को निभाने आ गयी,
ये ना मौका है अब चूकने का,
मैं सबको बताने आ गयी,
किया श्याम से जो वादा मिलने का,
मैं वादे को निभाने आ गई....