मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते ,
कही नज़र न लगे इनको हमारी,
मेरे कुंज बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
पीला पटका बिहारी जीका प्यारा लगता
हार फूलो का गले मे प्यारा लगता,
कही नज़र न लगे इनको हमारी ,
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते ,
मेरे बांके बिहारी.....
मोर मुकुट सांवरे पे प्यारा लगता
ओर कानो मे कुण्डल प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
मेरे बांके बिहारी.....
कंगन बिहारी जी के प्यारे लगते ,
सबको बंसी बजाते बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
मेरे बांके बिहारी.....
कपिल चरणों मे तेरे सर झुकाता
बार बार वृंदावन मे चला आता
कही नज़र न लगे इनको हमारी
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
मेरे बांके बिहारी.......
कही नज़र न लगे इनको हमारी
बोल बंके बिहारी लाल की जय
राधे राधे राधे राधे राधे राधे
राधे राधे राधे राधे राधे राधे
राधे राधे.....................
स्वर् कपिल खुराना
लेखक कपिल खुराना