याहा पे बिन मांगे पूरी मन्नत होती है
माँ के चरणों में ही तो वो जन्नत होती है
फीके लगते चाँद सितारे भी माँ तेरे आगे
बार बार मैं वारी जाऊ नजर कही न लागे
तू कितनी भोली है तू कितनी प्यारी है
ममता की तू खान है मैया तेरा ना कोई मोल
माँ बेटे का रिश्ता सब से होता है अनमोल
बेटा जो बुखा वो तो माँ कुछ न भाये
ना जाने किस रूप में मैया उसकी भूख मिटाए
तू कितनी भोली है तू कितनी प्यारी है
बे औलाद में जब कोई बेटा नीर बहाए
जगदम्बा की चोकठ पर तो मन अपना फेलाए
खुशिया से दामन भर दे गोदी में लाल खिलाये
या तो खुद माँ बन कर बेटी उस के घर आ जाए
तू कितनी भोली है तू कितनी प्यारी है
माँ की महिमा युगों युगों तक कभी लिखी न जाए
मेरी माँ जब भी मुस्काती जग जन नी दिख जाए
ये ममता का आंचल मैया मुझसे दूर कभी न जाए
माँ का कर्ज न उतर सकेगे बात परकाश बताये
तू कितनी भोली है तू कितनी प्यारी है