तीन लोक चौदह भवन मैंने देखा सब संसार,
सबसे ऊँचा सबसे न्यारा है तेरा दरबार,
मां शेरावाली कृपा करो एक बार,
आया हूं तेरे द्वार मां सुन ले पुकार,
माँ शेरावाली, कृपा करो एक बार
कोई नहीं है मेरा सहारा,
नजरें करम का करदे ईशारा,
यहाँ मतलब का सब संसार,
मेरा जीना हुआ है दुश्वार,
माँ शेरावाली, कृपा करो एक बार
जनम जनम की प्यास बुझा दे,
तरसे ये नैनां दरस दिखा दे,
तेरा कब से करूं मैं इंतजार ,
मुझे दे दे माँ अपना प्यार,
माँ शेरावाली, कृपा करो एक बार
छोड़ भी दे अब आँख मिचोली,
खाली पड़ी है माँ मेरी झोली,
करदे जरा सा उपकार,
मैं तो हो गया अब लाचार,
माँ शेरावाली, कृपा करो एक बार
माँ इस लाल की आस ना टूटे,
हरगिज ये विश्वास ना टूटे,
माँ बिगड़ी मेरी भी तू सँवार,
तुझे कहते हैं सच्ची सरकार,
मां शेरावाली कृपा करो एक बार,