खाटू वाले श्याम कस के पकड़ाइयो मेरा हाथ
ये हाथ कभी न छुटे ये साथ कभी न छुटे दिन हो या रात
मेरे दोनों हाथ तेरे आगे क्या है कमी इनमे तू बतलादे,
क्या वो लकीर नहीं यही क्या वो तकदीर नहीं है या हो नाराज,
खाटू वाले श्याम कस के पकड़ाइयो मेरा हाथ
इन हाथो को तेरी है दरकार,
मेरे पीछे पूरा है परिवार,
नइया मझधार फसी है तेरे होठो पे हसि है खुश क्यों हो आज,
खाटू वाले श्याम कस के पकड़ाइयो मेरा हाथ
जिसे दिए उसे खूब दिया दातार,
मुझसे क्या इन्साफ किया सरकार,
क्या उनके हाथ है जय्दा या फिर औकात जय्दा बतलाओ बात,
खाटू वाले श्याम कस के पकड़ाइयो मेरा हाथ
क्यों बाबा मुख मुझसे मोड़ लिया,
या तकदीर बदल न छोड़ दिया,
कहता पावन न छूटे ये भरोसा न टूटे रख लेना बात,