प्रीत मोहन से की, इस भरोसे पे की
चार दिन जिंदगी के, गुजर जायेंगे
क्या भरोसा था, ये वक़्त भी आएगा
वादा करके वो, हमसे मुकर जायेंगे
कल जो राहो में वो इत्तिफाकन मिले
सुन के अरजो तमन्ना, वो शर्मा गए
मुस्कुरा के कहा रास्ता छोड़ दो
हमको जल्दी है अपने घर जायेगे
प्रीत मोहन से की, इस भरोसे पे की
चार दिन जिंदगी के, गुजर जायेंगे
ये मिली है खबर, घर से निकले है श्याम
अब जाने ना जाने कहा जायेंगे
बा वफा है तो वो मेरे घर आयेगे
बेवफा है तो खूब जाके घर जायेंगे
प्रीत मोहन से की, इस भरोसे पे की
चार दिन जिंदगी के, गुजर जायेंगे
ऐ मेरे दिल तू मान जा, मान जा
श्याम है बेवफा उनसे दिल ना लगा
वो आयेंगे आकर चले जायेंगे
तेरी प्रीत को बदनाम कर जायेंगे
प्रीत मोहन से की, इस भरोसे पे की
चार दिन जिंदगी के, गुजर जायेंगे
चार दिन जिंदगी के गुजर जायेंगे
क्या भरोसा था ये वक़्त भी आएगा
वादा करके वो हमसे मुकर जायेंगे
प्रीत मोहन से की, इस भरोसे पे की
चार दिन जिंदगी के, गुजर जायेंगे