तू तो सब जाणे रै तेरे से क्या छानी रे,
शरण पड़्यो हूँ बाबा देख मेरे कानी रै,
तू तो सब जाणे रै तेरे से क्या छानी रे,
शरण पड़्यों हूँ बाबा देख मेरे कानी रै,
मांड के खड्यो हूँ झोली खाली कोन्यां जाऊँ रे,
टाबरा ने जाके कुणसों मुखड़ों दिखाऊं रे,
धीर तो बँधाऊँ जाके दे दे क्यों निशानी रे,
शरण पड़्यों हूँ बाबा देख मेरे कानी रै
दीनानाथ मेरी बात छानी कोनी तेरे से,
आखड़ली चुरा का बाबा जासी कठे मेरे से,
म्हे तो सुणी हाँ साँवरा दोन्यू हाथा से लुटावै रे,
दुनियाँ में बाबा लखदातार तू कहावै रै,
काई में बिगड़यों तेरो क्यों रे बेईमानी रे,
शरण पड़्यों हूँ बाबा देख मेरे कानी रै,
साँवरा रे श्याम सारा सारा दिन सारी रात नहीं गुजरता
दोन्यूं टेम रोज तेरी चाकरी बजा स्यूं रै,
मेरे घरा आवेगा तो ज्योत भी जगा स्यूं रै,
लहरी बोलो साँची झूठी प्रीत के निभाणी रै,
शरण पड़्यों हूँ बाबा देख मेरे कानी रै
तू तो सब जाणे रै तेरे से क्या छानी रे,
शरण पड़्यो हूँ बाबा देख मेरे कानी रै,
तू तो सब जाणे रै तेरे से क्या छानी रे,
शरण पड़्यों हूँ बाबा देख मेरे कानी रै।