दर दर भटक रही तेरे दीदार के लिए,
और चुन चुन कर फूल लायी हूँ तेरे शिंगार के लिए,
अब तारो या ना तारो मर्ज़ी तुम्हारी सांवरे,
दुनिया की खायी ठोकरें तेरे दरबार के लिए॥
मुझे खाटू बुलाने में क्यूँ देर लगायी हैं,
मेरी तुमसे तुमसे मेरी तुमसे तुमसे,
मेरी तुमसे तुमसे मेरी तुम तुमसे,
मेरी तुमसे लड़ाई है श्याम मेरी तुमसे लड़ाई है......
आज बचा लो बाबा तुझको पुकारा है,
सारे ज़माने में ना कोई हमारा है,
अरदास लगाई है बाबा अरदास लगाई है,
मेरी तुमसे लड़ाई है श्याम मेरी तुमसे लड़ाई है.....
दुःख ये अपने बाबा किसको सुनाऊ मैं,
छोड़ के खाटू तेरा और कहाँ जाऊं मैं,
तूने सबकी बनाई है बिगड़ी सबकी बनाई है,
मेरी तुमसे लड़ाई है श्याम मेरी तुमसे लड़ाई है.....
दर्शन तेरे बाबा करके मैं जाउंगी,
आज नहीं तो बाबा मैं मर जाउंगी,
क्यूँ देर लगाई है तूने क्यों देर लगाई है,
मेरी तुमसे लड़ाई है श्याम मेरी तुमसे लड़ाई है......
अपने प्रेमी को क्यूँ तड़पाते हो,
हारे का सहारा तुम कहलाते हो,
लाखों की बनाई है तूने लाखों की बनाई है,
मेरी तुमसे लड़ाई है श्याम मेरी तुमसे लड़ाई है......