सिर पे चुनरिया लाल और हाथो में मेहँदी रचाई है,
भगतो के घर माँ आई है,
मेरे घर आँगन में मैया पधारी है मेरी तो मौज है,
मैया को पा कर के ऐसा लगा जैसे दीवाली रोज है,
प्यार का उपहार भगतो के लिए माँ लाई है,
भगतो के घर माँ आई है,
बोल कर सारी दुःख और तकलीफे मैया का ध्यान धरो
ठाठ कर देगी अगर मान जाए ये जरा गुणगान करो
मैया के दरबार में होती सब की सुनवाई है,
भगतो के घर माँ आई है,
करदो दया इतनी जब भी बुलाऊ मैं लगे तू पास है,
शिवम् तेरा मेरा नाता पुराना है ये रिश्ता खास है,
रख कर के विस्वाश जिस ने माँ की ज्योत जगाई है
भगतो के घर माँ आई है,