भादवै की मस्ती में नाचांगा गावांगा,
ओ दादी, ओ दादी
ओ दादी खोल दे दरवाजो म्हें तो केड आवांगा,
भादवै की मस्ती में नाचांगा गावांगा,
ओ दादी खोल दे दरवाजो म्हें तो केड आवांगा....
रोली मौली अक्षत मेहंदी ल्याया भक्त हजार,
सोणो सोणो गजरो ल्याकर रहा हाँ बाट निहार....-2
छैल छबीलो सथीयो थारो म्हें बणावांगा,
ओ दादी, ओ दादी
ओ दादी खोल दे दरवाजो म्हें तो केड आवांगा.....
ओढ़ चुनरिया लाल सुरंगी हरिया मेहंदी हाथ,
भोला ढाला टाबरिया के पल पल रहियो साथ...-2
मीठा-मीठा थाणे दादी भजन सुणावांगा,
ओ दादी, ओ दादी
ओ दादी खोल दे दरवाजो म्हें तो केड आवांगा.....
मावस के दिन धोक लगाते करते जय जयकार,
दादी म्हारी कुलदेवी थे रखियो खुश परिवार....-2
"मधु" बोले थाणे दादी आज रिझावांगा,
ओ दादी, ओ दादी
ओ दादी खोल दे दरवाजो म्हें तो केड आवांगा.....
लाडु बुंदिया खीर चूरमा सागै भुजिया अचार,
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन ल्याया थारै द्वार....-2
लाड प्यार से थाणे दादी म्हें जिमावांगा,
ओ दादी, ओ दादी
ओ दादी खोल दे दरवाजो म्हें तो केड आवांगा,
भादवै की मस्ती में नाचांगा गावांगा,
ओ दादी, ओ दादी
ओ दादी खोल दे दरवाजो म्हें तो केड आवांगा.......