सावन जैसे किरपा की, बरसात कर देना,
भक्तो के सर पे बाबा, अपना हाथ धर देना,
सावन जैसे कृपा की, बरसात कर देना……
देवो के देव हो बाबा, महादेव कहाते हो,
भक्तो को देने में, तुम ना सकुचाते हो.....-2
सेवा भक्ति का भोले, मुझको भी वर देना,
भक्तो के सर पे बाबा, अपना हाथ धर देना,
सावन जैसे कृपा की, बरसात कर देना……
खुद वन वन भटके भक्तो को, महलो में रखता है,
गुणगान करे जो तेरा उन्हें, नजरों में रखता है....-2
भोले दानी हम दीनो की, झोली भर देना,
भक्तो के सर पे बाबा, अपना हाथ धर देना,
सावन जैसे कृपा की, बरसात कर देना……
होने को तो संसार में, दरबार हजारों है,
देने वाले कई जग में, दातार हजारों है.....-2
पर हर जनम में ‘उर्मिल’ को, तू अपना दर देना,
भक्तो के सर पे बाबा, अपना हाथ धर देना,
सावन जैसे किरपा की, बरसात कर देना,
भक्तो के सर पे बाबा, अपना हाथ धर देना,
सावन जैसे कृपा की, बरसात कर देना…………