बृजधाम की धरती हो जीवन का गुज़ारा हो

बृज़धाम की धरती हो, जीवन का गुज़ारा हो,
युगल चरणं सिर पर, बस एक सहारा हो,  
बृज़धाम की धरती हो.....

बस ईक ही सपना है,
पागल बन तेरा नाम ही जपनां है,
बृज़धाम की धरती हो.....

सपनों में युगल चरणं,
चरणों का सहारा ले बिते जीवन मेरा ये,
बृज़धाम की धरती हो.....

जैसे नाम में नामी है, धसका धस्सकर के,
नाम रसका पागल बनूं,
बृज़धाम की धरती हो.....
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