ओ रहम कर,
मैया सुन ले मेरी फरियाद,
हो रहम कर,
मैया सुन ले मेरी फरियाद।
पर्वत पे रहने वाली मैया,
दुखड़ा सुन भी ले,
बिखरे जो पग पग राह में,
ग़म के कांटे चुन भी ले,
अब ना निराश करना,
पूरी हर आस करना,
अब ना निराश करना,
पूरी हर आस करना,
पर्वत पे रहने वाली मैया,
दुखड़ा सुन भी ले,
हो रहम कर,
मैया सुन ले मेरी फरियाद,
रहम कर,
मैया सुन ले मेरी फरियाद।
यह अंखियाँ जो दिन रात बरसे माँ,
इनमे है दर्द भरा,
ओ कभी मिले तुझे दो घडी फुर्सत तो,
हाल मेरा पूछ तू जा,
ओ आके बतलादे बिगड़ा मुक़द्दर यह,
तुमसे ना क्यों है सवरा,
हो रहम कर,
मैया सुन ले मेरी फरियाद,
रहम कर,
मैया सुन ले मेरी फरियाद।
पर्वत पे रहने वाली मैया,
दुखड़ा सुन भी ले,
बिखरे जो पग पग राह में,
ग़म के कांटे चुन भी ले,
अब ना निराश करना,
पूरी हर आस करना,
पर्वत पे रहने वाली मैया,
दुखड़ा सुन भी ले।
पल दो पल भी ना जीवन में,
खुशियों के माह देखे,
बड़ी तेरे दर मन्नते मांगी,
माथे बड़े हैं टेके,
हो रहम कर,
मैया सुन ले मेरी फरियाद।
तुझे मंदिरों में मैंने पुकारा माँ,
निसदिन रोते रोते,
ओ ज़ुल्म जग के माँ अब और हमसे,
सहन नहीं है होते,
ओ तुझसे कहना है कहते रहना है,
हमने जागते सोते,
ओ रहम कर,
मैया सुन ले मेरी फरियाद,
पर्वत पे रहने वाली मैया,
दुखड़ा सुन भी ले
बिखरे जो पग पग राह में,
ग़म के कांटे चुन भी ले,
पर्वत पे रहने वाली मैया,
दुखड़ा सुन भी ले.......