ना नीला ना पीला,
ना काला ना गोरा,
है शाम सलोना कन्हैया ये मोरा,
ना नीला ना पीला,
ना काला ना गोरा,
है शाम सलोना कन्हैया ये मोरा,
मेरा मन बोले मेरा तन बोले,
मेरा मन बोले मेरा तन बोले,
सुमर ले साँझ सवेरे,
सुमर ले साँझ सवेरे,
तू सुमर ले साँझ सवेरे,
हा देंगे दर्श प्रभु मेरे,
हा देंग दर्श प्रभु मेरे ॥
ना नीला ना पीला,
ना काला ना गोरा,
है श्याम सलोना कन्हैया ये मोरा,
श्याम ही सारे जग के पालनहार है,
हम सब भिक्षुक है और वो दातार है,
वो ही दुखड़े मिटाये,
वो ही खुशिया लुटाये,
वो ही देवकी सुत और नंद कुमार है,
उन्ही को क्यों ना टेरे,
जो करते दूर अंधेरे,
तू सुमर ले साँझ सवेरे,
हा देंगे दर्श प्रभु मेरे,
हा देंगे दर्श प्रभु मेरे,
मेरा मन बोले मेरा तन बोले,
मेरा मन बोले मेरा तन बोल,
सुमर ले साँझ सवेरे,
सुमर ले साँझ सवेरे,
तू सुमर ले साँझ सवेरे,
हा देंगे दर्श प्रभु मेरे,
हा देंगे दर्श प्रभु मेरे॥
ना नीला ना पीला,
ना काला ना गोरा,
है शाम सलोना कन्हैया ये मोरा,
सोहे मोर पंख कान्हा के भाल पे,
गैया रोज़ चराते यमुना ताल पे,
तो चाहे उनको पाना तो सत्संग में आ जाना,
ओ योगी बचना माया के जंजाल से,
कष्ट ना तुझको घेरे काटे जन्मो के फेरे,
तू सुमर ले साँझ सवेरे,
हा देंगे दर्श प्रभु मेरे,
हा देंगे दर्श प्रभु मेरे,
मेरा मन बोले मेरा तन बोले,
मेरा मन बोले मेरा तन बोले,
सुमर ले साँझ सवेरे,
सुमर ले साँझ सवेरे,
तू सुमर ले साँझ सवेरे,
हा देंगे दर्श प्रभु मेरे
हा देंगे दर्श प्रभु मेरे
मेरा मन बोले मेरा तन बोले.........