चलो अमरनाथ चलिए चलो अमरनाथ चलिए,
जो दुनिया दा भाली है ओहदा दर जा मलिये,
स्वर्गा तो वि वध के सोहना शिव भोले दा डेरा है,
अखा भर के तकी जावा दिल न रज दा मेरा है,
जिथे बूटा बूटा खिल्दा खिल्दी हर कलि है
चलो अमरनाथ चलिए....................
भरे भंडारे भोले दे मैं वेखी अजब कहानी है,
था था उते लंगर लगे मिलदा दाना पानी है,
सेवादरा दी सेवा दिखी बड़ी अवली है,
चलो अमरनाथ चलिए....................
विच गुफा दे बेठा भोला कैसा खेल रचाया है,
तेरा दर्शन पान ली आज मानक दर ते आया है,
कहे सितारा रोटक दान चिठ्ठी कलि है,
चलो अमरनाथ चलिए....................