आयी है नवरात्रो की बहार नाचो रे सब झूम झूम के
नाचो रे सब झूम झूम के
माँ का प्यारा सजा है दरबार
नाचो रे सब झूम झूम के
भगतो के दुःख हरने आज माँ भगतो के घर आई,
साथ में हनुमंत वीर और भैरव संग में लाइ
होके आई है माँ शेर पे सवार
नाचो रे सब झूम झूम के
लाल ही चोला लाल है चुनरियाँ चुडा लाल है साजे
कानो में कुंडल माथे पे बिंदियाँ पाओ पैजनियाँ बाजे
माँ करके बैठी है सोला शिंगार
नाचो रे सब झूम झूम के
सब के ही काज सवारेगी मैया सब के बेड़े तारे गी
भर देगी खुशियों से झोली सोये भाग जगा देगी
माँ ने खोले है दया के भंडार नाचो रे सब झूम झूम के
अब के नोराते माँ से भगतो मन चाहा फल पा लो
भरेगी झोली मैया मोरी श्रधा से माँ को मना लो
माँ प्रीत भगतो से करती अपार
नाचो रे सब झूम झूम के